मोतीचूर के लड्डू, पेड़ा और घेवर जैसी मिठाइयां दिवाली को बनाती हैं खास

हेल्थ डेस्क. त्योहार पर अलग-अलग तरह की मिठाइयां दुकानों पर मिलती हैं लेकिन पारंपरिक मिठाइयों का महत्व आज भी है। दिवाली पर बनने वाली पारंपरिक मिठाइयों का इतिहास क्या कहता है, जानिए फूड ब्लॉहगर मानसी पुजारा से...

  1. लड्डू

    मशहूर मिठाई है जो बेसन, सूजी और घी से बनती है। इसे बादाम की कतरन से सजाया जाता है। कहा जाता है कि एक वैद्य से ये लड्डू अकस्मात ही बन गए थे। वे अपने मरीजों को कड़वी औषधि खिलाने का तरीका खोज रहे थे, तभी उन्हें विचार आया कि बेसन की मीठी बूंदी के गोले बनाकर वे औषधि उन्हें खिला सकते हैं। दक्षिण भारत के लोग इन लड्डुओं को उन्हीं की खोज बताते हैं। इतिहास के पन्नों में नारियल से बने लड्डुओं का जिक्र गुप्त साम्राज्य में है। कहा ये भी जाता है कि अपनी संस्तिकृ में स्थाई जगह देने के लिए बिहार में चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में मोतीचूर के लड्डू बनना शुरू हो गए थे।

  2. पेड़ा

    बेहद नर्म पारंपरिक मिठाई है, जिसे खोया और शक्कर से तैयार किया जाता है। ऊपर से इसमें इलायची और केसर भी डाला जाता है। इसे हर त्योहार पर देखा जा सकता है। उत्तर प्रदेश में सबसे पहले बनना शुरू हुए थे। पेड़े के कई प्रकार हैं। जैसे- लखनऊ का धारवाड़ पेड़ा मशहूर है। 1850 में लखनऊ के ठाकुर राम रतन सिंह जब धारवाड़ आए थे तब उन्होंने ही पहली बार पेड़ा बनवाया था। महाराष्ट्र का कांदी पेड़ा भी मशहूर है।

  3. घेवर

    राजस्थान की मशहूर मिठाई है जो बेसन से बनती है और चाशनी में भीगती है। तीज पर खास बनाया जाता है। अब मकर संक्रांति पर भी बनाया जाता है। मलाई घेवर बहुत मशहूर हैं। इन्हें जयपुर में सबसे पहले बनाया गया था। पहले ये नई दुल्हन को खिलाए जाते थे।

  4. मालपुआ

    बंगाल की कोई भी पूजा मालपुओं के बिना पूरी नहीं होती। मैदा, दूध, केला और नारियल के घोल से पुए तैयार किए जाते हैं फिर इन्हें तला जाता है और गर्म परोसा जाता है। बाहर से ये हल्केक्रिस्पी होते हैं, अंदर से नर्म होते हैं। बांग्लादेश और नेपाल में खूब पसंद किए जाते हैं। वैदिक काल में बनते थे। "अपूपा' नामक मिठाई से "मालपुआ' नाम पड़ा था। वैदिक काल के आर्यन ही "अपूपा' बनाया करते थे।

  5. रसगुल्ला

    छेने से बने हल्के और नर्म रसगुल्ले मुंह में रखते ही घुल जाते हैं। बंगाल दावा करता है कि रसगुल्ले को पहली बार नबिन चंद्र दास ने 1868 में बनाया था। वहीं कहा जाता है कि उड़िया रसगुल्ला 12वीं सदी से भगवान जगन्नाथ को चढ़ रहा है। रसगुल्ला पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों को जीआई टैग मिला है।

  6. रसमलाई

    चने के आटे के नर्म छेने बनाकर ताजी मलाई और दूध में डुबो दिए जाते हैं। मीठे दूध में खीर की सामग्री के साथ बनते हैं। ताजी रसमलाई मुंह में घुल जाती है। इसे कहा तो बंगाल की मिठाई जाता है, लेकिन अभी यह केवल दावा ही है।

  7. जलेबी

    चाशनी में भीगी-लिपटी गोल जलेबी की बनावट अद्भुत होती है। मैदे को तलकर इसे तैयार किया जाता है फिर चाश्नी में भिगो दिया जाता है। 15वीं सदी में फारसी और तुर्की व्यापारी जलेबी जैसी ही कोई मिठाई भारत लेकर आए थे। इसे वे जलाबिया कहते थे। माना जाता है कि जलेबी इसी की नकल है।

  8. सोन पापड़ी

    शक्कर, बेसन, घी और दूध को मिलाकर हल्केक्रिस्पी और फ्लेकी टेक्सचर वाली पापड़ी तैयार की जाती है, जिसे सोन पापड़ी कहते हैं। इलायची की खुशबू वाली इस मिठाई को चौकोर काटा जाता है। यह उत्तर भारत में बेहद मशहूर है। राजस्थान, पंजाब, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल इसे अपनी खोज बताते हैं।

  9. गुलाब जामुन

    खोया से बनाए गए गोलों को घी में तल कर गुलाब या केवड़े की खुशबू वाली चाशनी में डुबो दिया जाता है। इसे गर्म ही खाया जाता है। सबसे पहले मध्यकालीन भारत में बनाए गए थे। ये मिठाई भू-मध्यसागरीय देशों ओर ईरान से आई थी जहां इसे लुक़मत अल कादी कहते हैं। इतिहासकार ये भी मानते हैं कि शाहजहां के एक खास बावर्ची ने संयोग से इसे तैयार किया था।

  10. फिरनी

    चावल से बनी मिठाई जिसमें केसर और गुलाब जल की खुशबू होती है। काजू- बादाम-पिस्ता से सजाया जाता है। ये मलाईदार मिठाई भारत के हर कोने में मशहूर है और हर त्योहार पर लोग चाव से खाते हैं। हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि फिरनी कहां से आई है, लेकिन कहते हैं कि इसे मुगल राज में सबसे पहले बनाया गया था। ये भी कहा जाता है कि ये मध्यपूर्वी देश की मिठाई है औैर वहीं से मुगल बादशाह इसे भारत लाए थे।



      Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
      know about Special sweets of Diwali


      from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2PkRDQX
मोतीचूर के लड्डू, पेड़ा और घेवर जैसी मिठाइयां दिवाली को बनाती हैं खास मोतीचूर के लड्डू, पेड़ा और घेवर जैसी मिठाइयां दिवाली को बनाती हैं खास Reviewed by VIRAL on 03:06 Rating: 5

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.