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डायबिटीज के मरीजों को स्ट्रोक का ज़्यादा खतरा, खाने में शक्कर-नमक कम लें और 30 मिनट की एक्सरसाइज करें

हेल्थ डेस्क. डायबिटीज़ अपने आप में बड़ी बीमारी नहीं है। यह बड़ी बीमारी है तो इसलिए कि इसको लेकर की गई लापरवाही से ये कई घातक शारीरिक समस्याओं की वजह बन सकती है। इससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है या आंखों की रोशनी भी जा सकती है। डायबिटीज़ की वजह से होने वाली इन दोनों समस्याओं की तो काफी चर्चा होती है। डायबिटीज़ के हर मरीज को इस बात की जानकारी जरूर दी जाती है। लेकिन यह बात बहुत कम बताई जाती है कि अगर डायबिटीज़ कंट्रोल में नहीं है तो इससे इनके मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी सामान्य लोगों की तुलना में बढ़ जाता है।

अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन की एक ताजा रिसर्च के मुताबिक डायबिटीज़ से स्ट्रोक के जोखिम में पांच प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो जाती है। डॉ. वी. पी. सिंह, चेयरमैन, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज, मेदांता द मेडिसिटी से जानिए अनियंत्रित डायबिटीज़ के ख़तरों के बारे में...

कब होता है स्ट्रोक?
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है, जब उस तक पहुंचने वाली रक्त वाहिकाओं में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। जब मस्तिष्क के एक हिस्से को खून की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिलती है तो वह हिस्सा निष्क्रिय या मृत हो जाता है। ब्रेन स्ट्रोक का मामला वैसा ही है, जैसे हार्ट अटैक के दौरान दिल को रक्त की आपूर्ति बाधित होती है। स्ट्रोक का पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता यानी इसके कोई पूर्व लक्षण नहीं होते, लेकिन अगर किसी को स्ट्रोक हुआ है, तो इसके प्रारंभिक संकेत तुरंत मिल जाते हैं। इन संकेतों में सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना, चलने या बोलने में दिक्कत महसूस होना, शरीर के एक हिस्से में सुन्नता महसूस होना, धुंधला नजर आना आदि शामिल हैं। अगर इनमें से कोई एक या सभी संकेत दिखाई दे तो तुरंत किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए, ताकि स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से बचाया जा सके।

डायबिटीक को ज़्यादा ख़तरा क्यों?
स्ट्रोक के प्रमुख जोखिमों में से एक डायबिटीज़ भी है। अगर किसी व्यक्ति की ब्लड शुगर का स्तर लगातार ज्यादा रहे तो उसकी रक्त वाहिकाओं और नसों पर इसका विपरीत असर होता है। ज्यादा समय तक ब्लड शुगर अनियंत्रित रहने से गर्दन और मस्तिष्क को खून की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में खून का थक्का जम सकता है या वसा जमा हो सकती है। इसके बढ़ने से रक्त वाहिकाएं संकरी होती जाती हैं या पूरी तरह बंद भी हो सकती हैं। डायबिटीज़ के मरीज़ों को आमतौर पर होने वाली हाई बीपी की समस्या इसकी आशंका को और बढ़ा देती है। अगर ऐसे मरीज का वजन भी ज्यादा है तो इससे स्ट्रोक की आशंका और भी बढ़ जाती है। हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की अधिक मात्रा भी स्ट्रोक की आशंका बढ़ाती है।


क्या सावधानियां रखें?

  • स्ट्रोक का जोखिम कम करने के लिए डायबिटीज़ को काबू करना जरूरी है। इसके साथ-साथ हाई कोलेस्ट्रॉल और हाईपरटेंशन को भी कम करना चाहिए।
  • साल में कम से कम एक बार अपना एचबीए1सी (HbA1c), ब्लड कोलेस्ट्रॉल (ब्लड फैट्स) और बीपी नियमित रूप से चेक करवाएं।
  • खाने में नमक (सोडियम) और शक्कर का सेवन कम से कम करें। रोज की डाइट में सलाद और हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें।
  • रोज कम से कम आधे घंटे तक ब्रिस्क वॉकिंग (तेज चहलकदमी) करें। इसके अलावा सप्ताह के पांच दिन 30-30 मिनट के लिए कसरत भी करें।
  • धूम्रपान-अल्कोहल का सेवन ना करें। यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के आस-पास खून के सहज प्रभाव को बाधित करता है।
  • तनाव से बचें, क्योंकि इससे हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप की समस्या होती है जो स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है।


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Diabetes patients are more at risk of stroke, take less sugar and salt and exercise for 30 minutes


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डायबिटीज के मरीजों को स्ट्रोक का ज़्यादा खतरा, खाने में शक्कर-नमक कम लें और 30 मिनट की एक्सरसाइज करें डायबिटीज के मरीजों को स्ट्रोक का ज़्यादा खतरा, खाने में शक्कर-नमक कम लें और 30 मिनट की एक्सरसाइज करें Reviewed by VIRAL on 23:22 Rating: 5

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